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Varuni Sarwal: अमेरिकी कंपनी की CEO भारत की मुरीद हुईं, 10 मिनट की डिलिवरी सर्विस पर कहा- US काफी पीछे लगता...
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Tue, 02 Dec 2025 10:29 AM IST
सार
Varuni Sarwal: अमेरिकी कंपनी की CEO वरुणी सरवाल ने भारत यात्रा का अनुभव साझा किया है। उन्होंने कहा है कि वे भारत में मिल रही डिलिवरी सेवा की मुरीद हो गई हैं। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि भारत 2030 में जी रहा है, जबकि US अब भी काफी पीछे है। जानिए वरुणी ने भारतीय सिस्टम की सराहना करते हुए और क्या बातें लिखीं।
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वरुणी ने भारत की तारीफ में व्यक्त किए अपने अनुभव
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
भारत वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। खेल, आईटी और सर्विस सेक्टर में यहां के पेशेवर कई बार अपना लोहा मनवा चुके हैं। ऐसा ही एक और प्रसंग सामने आया है। दरअसल, कई मायनों में पूरी दुनिया में अपनी हस्ती साबित कर चुके भारतीयों ने इस बार अपनी सरजमीं पर श्रेष्ठता साबित की है। इसका ब्यौरा खुद एक युवा उद्यमी और अमेरिकी कंपनी की शीर्ष अधिकारी ने साझा किया है। भारत के कई शहरों में आम हो चुकी 10 मिनट की डिलिवरी सर्विस का जिक्र करते हुए वरुणी सरवाल नाम की इस युवा पेशेवर ने कहा, अब ऐसा लगने लगा है कि अमेरिका में दो दिनों के भीतर हो रही प्राइम डिलीवरी इतिहास की बात हो चुकी है।
अमेरिकी कंपनी की CEO भारत की मुरीद हुईं
10 मिनट की डिलिवरी सर्विस पर वरुणी ने कहा कि US अब काफी पीछे लगने लगा है। उन्होंने लिंक्डइन पर लिखे यात्रा अनुभव में कहा, 'मैंने अभी-अभी भारत में तीन हफ्ते बिताए... ऐसा महसूस हुआ कि अमेरिका में दो दिन में होने वाली प्राइम डिलीवरी भारत की 10 मिनट वाली डिलीवरी जैसी सच्चाई के मुकाबले पुरानी हो चुकी है। हम इनोवेशन में अमेरिका के आगे होने की बात करते हैं, लेकिन... भारत 2030 में जी रहा है।'
10 मिनट की डिलीवरी सर्विस पर कही ये बात
वरुणी ने अपने पोस्ट की शुरुआत में ही भारत और अमेरिका की तुलना की। उन्होंने लिखा, 'सैन फ्रांसिस्को में सेल्फ-ड्राइविंग कारें हैं। इंडिया में सब कुछ 10 मिनट में होता है। मुझे पक्का नहीं पता कि कौन अधिक शानदार है। लेकिन अमेरिका वापस लौटने के बाद 10 मिनट की तेजी बहुत याद आएगी।'
भारत 2030 में जी रहा है
उन्होंने लिखा कि भारत आने पर उनके लिए सबसे बड़ा सांस्कृतिक झटका यहां का ट्रैफिक या खाना नहीं था। बकौल वरुणी, 'यह महसूस हुआ कि भारत की 10-मिनट रियलिटी के मुकाबले अमेजन प्राइम की दो-दिन वाली डिलीवरी पुरानी लगती है।' उन्होंने कहा, हम नवाचार में अमेरिका के आगे होने की बात करते हैं, लेकिन बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) लॉजिस्टिक्स के मामले में भारत 2030 में जी रहा है। नीचे देखिए वरुणी का वह लिंक्डइन पोस्ट जिसमें उन्होंने झारखंड में आयोजित शादी-समारोह के दौरान पुरुषों के कपड़े पहने। हालांकि, पहली नजर में इन कपड़ों को पहचाना मुश्किल है। (वरुणी ने कपड़ों के बारे में अपनी पोस्ट के अंत में खुद ही ये दिलचस्प जानकारी साझा की है)
IIT दिल्ली के दोस्त की शादी के लिए झारखंड की यादगार यात्रा
वरुणी ने बताया कि भारत आने के बाद उन्होंने दिल्ली और झारखंड की यात्राएं कीं। उन्होंने लिखा, 'रोज़मेरी और मैं पिछले हफ्ते IIT दिल्ली के एक दोस्त की शादी के लिए रांची गए थे। यात्रा की भागदौड़ में, हमें एहसास हुआ कि हमारे पास हल्दी सेरेमनी में पहनने लायक कोई कपड़े नहीं है।' बकौल वरणी, अमेरिका में अगर ऐसी स्थिति पैदा होती तो छोटे शहर में मॉल जाने के लिए घबराहट में उबर कैब बुक करनी पड़ती, या अमेजन जैसे ऑनलाइन माध्यमों पर दो दिन इंतजार करना पड़ता।
ये भी पढ़ें- वैक्सीन की डोज 100 करोड़ पार: WHO चीफ ने की भारत की तारीफ, कहा- सबको साथ लेकर चलने से हुआ संभव
15 मिनट में दरवाजे तक पहुंचे कपड़े
झारखंड की राजधानी रांची (एक टियर-2 शहर) के अनुभव का जिक्र करते हुए वरुणी ने बताया, 'हमने होटल में ब्लिंकिट का मोबाइल एप खोला। 15 मिनट बाद, एक राइडर दो ट्रेडिशनल आउटफिट्स के साथ हमारे दरवाजे पर था। इंडियन कंज्यूमर मार्केट की गहराई दिमाग घुमा देने वाली है। रांची में बड़े पैमाने पर बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) लॉजिस्टिक्स काफी आसानी से काम कर रहे हैं। ये इस बात का सबूत है कि भारत में अवसरों की भरमार है और ये दुनिया के टॉप एक फीसदी से कहीं आगे हैं। उन्होंने कहा कि जब वे अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को वापस जाएंगी तो उन्हें इतनी तेजी से मिलने वाली सर्विस की बहुत याद आएगी।
ये भी पढ़ें- America: अमेरिका ने की भारत की तारीफ, कहा-द्विपक्षीय ऊर्जा संबंध दुनिया में महत्वपूर्ण
जब दो महिलाओं ने मेन्स कुर्ता और लुंगी पहनना चुना
अपनी लिंक्डइन पोस्ट के अंत में वरुणी ने लिखा, 'हो सकता है हमने स्पीड के लिए थोड़ा अधिक ऑप्टिमाइज कर लिया हो। अगर आप फोटो को जूम-इन करेंगे, तो आप देख सकेंगे कि रोजमेरी ने मेन्स कुर्ता पहन रखा है, जबकि मैंने मेन्स लुंगी पहनी है।'
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अमेरिकी कंपनी की CEO भारत की मुरीद हुईं
10 मिनट की डिलिवरी सर्विस पर वरुणी ने कहा कि US अब काफी पीछे लगने लगा है। उन्होंने लिंक्डइन पर लिखे यात्रा अनुभव में कहा, 'मैंने अभी-अभी भारत में तीन हफ्ते बिताए... ऐसा महसूस हुआ कि अमेरिका में दो दिन में होने वाली प्राइम डिलीवरी भारत की 10 मिनट वाली डिलीवरी जैसी सच्चाई के मुकाबले पुरानी हो चुकी है। हम इनोवेशन में अमेरिका के आगे होने की बात करते हैं, लेकिन... भारत 2030 में जी रहा है।'
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10 मिनट की डिलीवरी सर्विस पर कही ये बात
वरुणी ने अपने पोस्ट की शुरुआत में ही भारत और अमेरिका की तुलना की। उन्होंने लिखा, 'सैन फ्रांसिस्को में सेल्फ-ड्राइविंग कारें हैं। इंडिया में सब कुछ 10 मिनट में होता है। मुझे पक्का नहीं पता कि कौन अधिक शानदार है। लेकिन अमेरिका वापस लौटने के बाद 10 मिनट की तेजी बहुत याद आएगी।'
भारत 2030 में जी रहा है
उन्होंने लिखा कि भारत आने पर उनके लिए सबसे बड़ा सांस्कृतिक झटका यहां का ट्रैफिक या खाना नहीं था। बकौल वरुणी, 'यह महसूस हुआ कि भारत की 10-मिनट रियलिटी के मुकाबले अमेजन प्राइम की दो-दिन वाली डिलीवरी पुरानी लगती है।' उन्होंने कहा, हम नवाचार में अमेरिका के आगे होने की बात करते हैं, लेकिन बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) लॉजिस्टिक्स के मामले में भारत 2030 में जी रहा है। नीचे देखिए वरुणी का वह लिंक्डइन पोस्ट जिसमें उन्होंने झारखंड में आयोजित शादी-समारोह के दौरान पुरुषों के कपड़े पहने। हालांकि, पहली नजर में इन कपड़ों को पहचाना मुश्किल है। (वरुणी ने कपड़ों के बारे में अपनी पोस्ट के अंत में खुद ही ये दिलचस्प जानकारी साझा की है)
IIT दिल्ली के दोस्त की शादी के लिए झारखंड की यादगार यात्रा
वरुणी ने बताया कि भारत आने के बाद उन्होंने दिल्ली और झारखंड की यात्राएं कीं। उन्होंने लिखा, 'रोज़मेरी और मैं पिछले हफ्ते IIT दिल्ली के एक दोस्त की शादी के लिए रांची गए थे। यात्रा की भागदौड़ में, हमें एहसास हुआ कि हमारे पास हल्दी सेरेमनी में पहनने लायक कोई कपड़े नहीं है।' बकौल वरणी, अमेरिका में अगर ऐसी स्थिति पैदा होती तो छोटे शहर में मॉल जाने के लिए घबराहट में उबर कैब बुक करनी पड़ती, या अमेजन जैसे ऑनलाइन माध्यमों पर दो दिन इंतजार करना पड़ता।
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15 मिनट में दरवाजे तक पहुंचे कपड़े
झारखंड की राजधानी रांची (एक टियर-2 शहर) के अनुभव का जिक्र करते हुए वरुणी ने बताया, 'हमने होटल में ब्लिंकिट का मोबाइल एप खोला। 15 मिनट बाद, एक राइडर दो ट्रेडिशनल आउटफिट्स के साथ हमारे दरवाजे पर था। इंडियन कंज्यूमर मार्केट की गहराई दिमाग घुमा देने वाली है। रांची में बड़े पैमाने पर बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) लॉजिस्टिक्स काफी आसानी से काम कर रहे हैं। ये इस बात का सबूत है कि भारत में अवसरों की भरमार है और ये दुनिया के टॉप एक फीसदी से कहीं आगे हैं। उन्होंने कहा कि जब वे अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को वापस जाएंगी तो उन्हें इतनी तेजी से मिलने वाली सर्विस की बहुत याद आएगी।
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जब दो महिलाओं ने मेन्स कुर्ता और लुंगी पहनना चुना
अपनी लिंक्डइन पोस्ट के अंत में वरुणी ने लिखा, 'हो सकता है हमने स्पीड के लिए थोड़ा अधिक ऑप्टिमाइज कर लिया हो। अगर आप फोटो को जूम-इन करेंगे, तो आप देख सकेंगे कि रोजमेरी ने मेन्स कुर्ता पहन रखा है, जबकि मैंने मेन्स लुंगी पहनी है।'
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