आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

जौन एलिया: एक गली की बात थी और गली गली गयी

jaun elia ghazal haalat e haal ke sabab haalat e haal hi gayi
                
                                                         
                            

हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई 
शौक़ में कुछ नहीं गया शौक़ की ज़िंदगी गई

एक ही हादसा तो है और वो यह के आज तक
बात नहीं कही गई बात नहीं सुनी गई

बाद भी तेरे जान-ए-जां दिल में रहा अजब समाँ
याद रही तेरी यां फिर तेरी याद भी गई

सैने ख्याल-ए-यार में की ना बसर शब्-ए-फिराक 
जबसे वो चांदना गया तबसे वो चांदनी गयी 

उसके बदन को दी नुमूद हमने सुखन में और फिर
उसके बदन के वास्ते एक कबा भी सी गयी

उसके उम्मीदे नाज़ का हमसे ये मान था की आप
उम्र गुज़ार दीजिये, उम्र गुज़ार दी गयी

उसके विसाल के लिए अपने कमाल के लिए
हालत-ए-दिल की थी खराब और खराब की गई

तेरा फिराक़ जान-ए-जां ऐश था क्या मेरे लिए
यानी तेरे फिराक़ में खूब शराब पी गई

उसकी गली से उठके मैं आन पड़ा था अपने घर
एक गली की बात थी और गली गली गयी 

3 वर्ष पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर