'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- सुस्मित, जिसका अर्थ है- हँसमुख, हँसोड़। प्रस्तुत है अटलबिहारी वाजपेयी की कविता- क़दम मिला कर चलना होगा
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगार...और पढ़ें
जीती थी जब दिल की बाजी, तब कितने मशहूर हुए.
दिल पर चोट लगी तो जाना, हम कितने मजबूर हुए.
कोई साथ नहीं देता है, उन मुश्किल हालातों में.
लोग वफ़ाएं केवल करते, मीठी-मीठी बातों में.
दर्द मिलेगा प्रेमपथों में, इतन...और पढ़ें
उच्चवर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है
वर्ग भेद को खत्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है,
सागर में मिलती धाराएँ
हिंदी सबकी संगम है
शब्द, नाद, लिपि से भी आगे
एक भरोसा अनुपम है
गंगा कावेरी की धारा...और पढ़ें
हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है।
- मैथिलीशरण गुप्त
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नाज़ ऐ दिल किसी के इतने उठाता क्यूँ है
उसकी राहों में तू पलकें यूँ बिछाता क्यूँ है
पारसा जब क़ोई इंसाँ यहाँ मिलता ही नहीं
तू ज़मीं पर भला इंसान को लाता क्यूँ है
छाँव देते हैं मुसाफ़िर को शजर जो हर दिन
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चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है
एक जल में,
एक थल में,
एक नीलाकाश में
एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती,
एक मेरे बन रहे विश्वास में
क्या कहूँ, कैसे कहूँ
कितनी ज़रा-सी बात है...और पढ़ें
इस दुनिया में अपना क्या है
कहने को सब कुछ अपना है
यूँ तो शबनम भी है दरिया
यूँ तो दरिया भी प्यासा है
यूँ तो हीरा भी है कंकर
यूँ तो मिट्टी भी सोना है
मुँह देखे की बातें हैं सब...और पढ़ें
ख़्वाब के गाँव में पले हैं हम
पानी छलनी में ले चले हैं हम
छाछ फूंकें कि अपने बचपन में
दूध से किस तरह जले हैं हम
ख़ुद हैं अपने सफ़र की दुश्वारी
अपने पैरों के आबले हैं हम
तू तो म...और पढ़ें
पूरा देश सुनो गाता है
फिर हिंदी का गाना।
हिंदी सिर धुन कर पछताती
बिखरा ताना-बाना।
हिंदी को गंगा कहता है
गंगा को वह माई
इस जबान में मगर
नहीं होती उसकी सुनवाई
'हम हैं हिंदी' '...और पढ़ें
किसी भी नए काम के शुरुआत के लिए अमृत काल सबसे सही समय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अमृत काल वही समय है जब बड़ी से बड़ी उपलब्धि को भी हासिल किया जा सकता है । क्या हमने हिंदी के क्षेत्र में भी इतना कुछ प्राप्त कर लिया है कि हम महोत्सव मना सकें ? क्...और पढ़ें
*मैं हूं न*
तुम्हारे अकेलेपन में
उदासीनता में
छाया मानिंद हर पल
तुम हमेशा सुखी खुशी से रहो
खड़ी तुम्हारे पीछे
मैं हूं न |
तुम्हारे पीड़ित वक्त में
तुम्हारे शोषित वक्त में
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जाहिर है प्रेमी हूँ तो कवि भी हूँ !
और कवि हूँ तो प्रेमी भी हूँ !
प्रेम करता हूँ हर 'शय' से
पेड़ों से, पहाड़ों से
नदियों से,सड़कों से
हवाओं से, बहारों से
दुश्मनों से, यारों से
चन्दा से, तारों स...और पढ़ें
जीने के लिये जिंदगी में
कितने संघर्ष करने पड़ते हैं
ये वो ही जान पाते है जो इन गलियों से गुज़रते हैं
कमल खिलते है वही कीचड़ में लेकिन काँटो में रहना पड़ता है
जीवन में ना जाने कितने पड़ावो से गुजरना होता है
बात आती ह...और पढ़ें
पूर्ण हुआ एक अद्भुत प्रसंग
हर्षित करें मित्रो का संग
बीता बचपन और लड़कपन
किन्तु हैं जीवित वह पावन संबंध
जिसमे न कभी द्वेष रहा
प्रेम के अतिरिक्त ना कुछ शेष रहा
मित्रता का वह निश्छल भाव
और मित्रो...और पढ़ें
वो निभा नहीं सकें या हमें निभाना
नहीं आया।
ऐसे गुज़रा वक्त का कारवां कि
दूबारा नहीं आया।।
हाल-ए-दिल खुद से ही कहते हैं और
सुन लेते हैं हम।
हमारी आंखों को फिर खुल कर
मुस्कुराना नहीं आया।।
बिखर-बि...और पढ़ें
माँ देखो ना
दुनिया कितनी बदल गई है,
मानो कि कोने-कोने में
खुशहाली सी छा गई है।
माँ, तेरे काले टीके की
अब कोई ज़रूरत ही नहीं,
किसी की बुरी नज़र से
अब कोई ख़ौफ़ नहीं।
गली में जाती...और पढ़ें
ज़रूरी तो नहीं कि हर ख्वाब मुकम्मल हो जाए,
ज़रूरी यह भी नहीं कि हर दर्द आसानी से हल हो जाए।
ज़रूरी तो नहीं कि हर प्रयास सफलता में बदल जाए,
ज़रूरी यह भी नहीं कि हर विफलता सदा असफलता . कहलाए।
ज़रूरी तो नहीं क...और पढ़ें
जिंदगी में ज़िम्मेदारियाँ,
एक छाया की तरह साथ रहती हैं.
उनको कोई मतलब नहीं,
आपकी मानसिक,शारीरिक स्थिति से,
आप कितने थके हुए हैं,
आपके पास समय है कि नहीं,
जिंदगी में जिम्मेदारी तो जिम्मेदारी होती हैं...और पढ़ें
समझ में क्यों मिरी आया नहीं है,
वो तो खोया है जिसे पाया नहीं है।
- फ़ौज़िया नसीम शाद...और पढ़ें
संसार से चले जाने वालों के गहरे दुख भी
एक वक्त के बाद धीरे-धीरे कम हो जाते हैं
मगर वो रिश्ते जो जीवित रहकर भी भुला
दिए गये हों वो अपने जो अब बेगाने हो गये
जिंदा होते हुए भी कोई उम्मीद नहीं अब कभी
मिलने की वो...और पढ़ें