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                                                                           'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- सुस्मित, जिसका अर्थ है- हँसमुख, हँसोड़। प्रस्तुत है अटलबिहारी वाजपेयी की कविता- क़दम मिला कर चलना होगा

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगार...और पढ़ें
23 hours ago
                                                                           जीती थी जब दिल की बाजी, तब कितने मशहूर हुए.
दिल पर चोट लगी तो जाना, हम कितने मजबूर हुए.

कोई साथ नहीं देता है, उन मुश्किल हालातों में.
लोग वफ़ाएं केवल करते, मीठी-मीठी बातों में.

दर्द मिलेगा प्रेमपथों में, इतन...और पढ़ें
10 hours ago
                                                                           उच्चवर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है
वर्ग भेद को खत्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है,
सागर में मिलती धाराएँ
हिंदी सबकी संगम है
शब्द, नाद, लिपि से भी आगे
एक भरोसा अनुपम है
गंगा कावेरी की धारा...और पढ़ें
23 hours ago
                                                                           हिंदी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है।
- मैथिलीशरण गुप्त 
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22 hours ago
                                                                           नाज़ ऐ दिल किसी के इतने उठाता क्यूँ है
उसकी राहों में तू पलकें यूँ बिछाता क्यूँ है

पारसा जब क़ोई इंसाँ यहाँ मिलता ही नहीं
तू ज़मीं पर भला इंसान को लाता क्यूँ है

छाँव देते हैं मुसाफ़िर को शजर जो हर दिन
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10 hours ago
                                                                           चाँदनी की पाँच परतें,
हर परत अज्ञात है

एक जल में,
एक थल में,
एक नीलाकाश में
एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती,
एक मेरे बन रहे विश्वास में

क्या कहूँ, कैसे कहूँ
कितनी ज़रा-सी बात है...और पढ़ें
4 hours ago
                                                                           
इस दुनिया में अपना क्या है
कहने को सब कुछ अपना है

यूँ तो शबनम भी है दरिया
यूँ तो दरिया भी प्यासा है

यूँ तो हीरा भी है कंकर
यूँ तो मिट्टी भी सोना है

मुँह देखे की बातें हैं सब...और पढ़ें
4 hours ago
                                                                           
ख़्वाब के गाँव में पले हैं हम
पानी छलनी में ले चले हैं हम

छाछ फूंकें कि अपने बचपन में
दूध से किस तरह जले हैं हम

ख़ुद हैं अपने सफ़र की दुश्वारी
अपने पैरों के आबले हैं हम

तू तो म...और पढ़ें
4 hours ago
                                                                           पूरा देश सुनो गाता है 
फिर हिंदी का गाना।
हिंदी सिर धुन कर पछताती
बिखरा ताना-बाना।

हिंदी को गंगा कहता है
गंगा को वह माई
इस जबान में मगर
नहीं होती उसकी सुनवाई
'हम हैं हिंदी' '...और पढ़ें
23 hours ago
                                                                           किसी भी नए काम के शुरुआत के लिए अमृत काल सबसे सही समय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अमृत काल वही समय है जब बड़ी से बड़ी उपलब्धि को भी हासिल किया जा सकता है ।  क्या हमने हिंदी के क्षेत्र में भी इतना कुछ प्राप्त कर लिया है कि हम महोत्सव मना सकें ? क्...और पढ़ें
                                                
23 hours ago
                                                                           *मैं हूं न*

तुम्हारे अकेलेपन में
उदासीनता में
छाया मानिंद हर पल
तुम हमेशा सुखी खुशी से रहो
खड़ी तुम्हारे पीछे
मैं हूं न |

तुम्हारे पीड़ित वक्त में
तुम्हारे शोषित वक्त में
...और पढ़ें
10 hours ago
                                                                           जाहिर है प्रेमी हूँ तो कवि भी हूँ !
और कवि हूँ तो प्रेमी भी हूँ !
प्रेम करता हूँ हर 'शय' से
पेड़ों से, पहाड़ों से
नदियों से,सड़कों से
हवाओं से, बहारों से
दुश्मनों से, यारों से
चन्दा से, तारों स...और पढ़ें
10 hours ago
                                                                           जीने के लिये जिंदगी में
कितने संघर्ष करने पड़ते हैं
ये वो ही जान पाते है जो इन गलियों से गुज़रते हैं
कमल खिलते है वही कीचड़ में लेकिन काँटो में रहना पड़ता है
जीवन में ना जाने कितने पड़ावो से गुजरना होता है
बात आती ह...और पढ़ें
10 hours ago
                                                                           पूर्ण हुआ एक अद्भुत प्रसंग
हर्षित करें मित्रो का संग
बीता बचपन और लड़कपन
किन्तु हैं जीवित वह पावन संबंध
जिसमे न कभी द्वेष रहा
प्रेम के अतिरिक्त ना कुछ शेष रहा

मित्रता का वह निश्छल भाव
और मित्रो...और पढ़ें
11 hours ago
                                                                           वो निभा नहीं सकें या हमें निभाना
नहीं आया।
ऐसे गुज़रा वक्त का कारवां कि
दूबारा नहीं आया।।
हाल-ए-दिल खुद से ही कहते हैं और
सुन लेते हैं हम।
हमारी आंखों को फिर खुल कर
मुस्कुराना नहीं आया।।
बिखर-बि...और पढ़ें
12 hours ago
                                                                           माँ देखो ना
दुनिया कितनी बदल गई है,
मानो कि कोने-कोने में
खुशहाली सी छा गई है।

माँ, तेरे काले टीके की
अब कोई ज़रूरत ही नहीं,
किसी की बुरी नज़र से
अब कोई ख़ौफ़ नहीं।

गली में जाती...और पढ़ें
11 hours ago
                                                                           ज़रूरी तो नहीं कि हर ख्वाब मुकम्मल हो जाए,
ज़रूरी यह भी नहीं कि हर दर्द आसानी से हल हो जाए।

ज़रूरी तो नहीं कि हर प्रयास सफलता में बदल जाए,
ज़रूरी यह भी नहीं कि हर विफलता सदा असफलता . कहलाए।

ज़रूरी तो नहीं क...और पढ़ें
11 hours ago
                                                                           जिंदगी में ज़िम्मेदारियाँ,
एक छाया की तरह साथ रहती हैं.

उनको कोई मतलब नहीं,
आपकी मानसिक,शारीरिक स्थिति से,
आप कितने थके हुए हैं,
आपके पास समय है कि नहीं,
जिंदगी में जिम्मेदारी तो जिम्मेदारी होती हैं...और पढ़ें
11 hours ago
                                                                           समझ में क्यों मिरी आया नहीं है,
वो तो खोया है जिसे पाया नहीं है।
- फ़ौज़िया नसीम शाद...और पढ़ें
12 hours ago
                                                                           संसार से चले जाने वालों के गहरे दुख भी
एक वक्त के बाद धीरे-धीरे कम हो जाते हैं

मगर वो रिश्ते जो जीवित रहकर भी भुला
दिए गये हों वो अपने जो अब बेगाने हो गये
जिंदा होते हुए भी कोई उम्मीद नहीं अब कभी
मिलने की वो...और पढ़ें
11 hours ago
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