अंग्रेजी के जाने-माने लेखक और उपन्यासकार अमिताव घोष को वर्ष 2018 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। चयन समिति ने 54 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार अमिताव घोष को देने की घोषणा पहले ही कर दी थी। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह अंग्रेज़ी के पहले लेखक हैं।
11 जुलाई 1956 को कोलकाता में जन्मे अमिताव घोष दिल्ली के सेंट स्टीफेन काॅलेज और 'दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स' से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद अपने पहले उपन्यास 'द सर्किल ऑफ रीजन' से चर्चा में आये और धीरे -धीरे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी के लेखक के रूप में मशहूर हो गये।
अमिताव घोष की 'दी सर्किल ऑफ़ रीज़न', 'इन एन एंटीक लैंड', 'दी कलकत्ता क्रोमोजोम', 'दी शैडो लाइन्स', 'डांसिंग इन कंबोडिया', 'दी ग्लास पैलेस', 'दी हंग्री टाइड' और इबिस ट्राइलॉजी : सी ऑफ़ पॉपिस एवं रिवर ऑफ़ स्मोक जैसी पुस्तकें चर्चित रही हैं।
श्री घोष को उनके उपन्यास 'शैडो लाइन्स' के लिए 1989 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' भी मिल चुका है। इसके अलावा 'पद्म श्री' से भी नवाजे जा चुके हैं।' दी सर्किल ऑफ़ रीज़न' को 1990 में 'फ्रांस प्रिक्स मेडिसिस अवार्ड' भी मिल चुका है।
5 वर्ष पहले
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