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Kavya Cafe: दुर्गा के अवतार में ढलना होगा... कलयुग में कन्हैया नहीं आने वाला

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अमर उजाला के काव्य कैफे में बरसी हास्य, करुणा व शृंगार रस की फुहारें, कवियों ने अपनी रचनाओं से लूटी वाहवाही, अतिथियों को किया गया सम्मानित

उत्तर प्रदेश के सीतापुर शहर के गुरु कृपा गेस्ट हाउस में शनिवार की शाम काव्य फुहारें बरसीं तो श्रोता झूम उठे। मशहूर कवियों ने हास्य, करुणा व श्रृंगार रस की कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी। अमर उजाला की ओर से आयोजित काव्य ने शहर की शाम यादगार बना दी।

काव्य कैफे का शुभारंभ उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी संस्कृति विभाग के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) गिरीश चंद्र मिश्र, मिश्रिख विधायक रामकृष्ण भार्गव, धौरहरा सांसद आनंद भदौरिया, मिश्रिख सांसद के प्रतिनिधि राजकुमार सोनी, सीतापुर पालिकाध्यक्ष नेहा अवस्थी, खैराबाद पालिराध्यक्ष प्रतिनिधि अभिषेक गुप्ता, अनूप खेतान, नीरज वर्मा, मिश्रिख ब्लॉक प्रमुख रामकिंकर पांडेय आदि ने
संयुक्त रूप से किया। कवि स्वयं श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद हास्य कवि विकास बौखल ने हिंद वाले शेर पाक जाके जो दहाड़ देंगे, गीदड़ तुम्हारे ये बेचारे मर जाएंगे। दल एंटी-रोमियो का भेज देंगे योगीजी तो सानिया के देवर कुंवारे मर जाएंगे... सुनाकर लोगों को खूब हंसाया। नीलोत्पल मृणाल ने सोते चटाई पर थे सपने ऊंचाई पर थे आंखों में खड़ा हिमालय उसकी चढ़ाई पर थे और थक के सुनते थे रेडियो पर गाना अब तो लगता देश वीराना.. सुनाकर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। कवियित्री मणिका दुबे ने कभी मां की हथेली चूम लेना, रही मां मां की बड़ी कुर्बानियां हैं और चलो एक दूसरे को भूल जाएं, जहां में और भी बर्बादियां हैं... सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

संचालन कर रहे कवि स्वयं श्रीवास्तव ने बेरोजगारी की समस्या पर तंज करती हुई पंक्तियां ऐसा नहीं कि सारा फलक मांग रहे हैं हम सिर्फ अपने हिस्से का हक मांग रहे हैं, सरकार तुम चलाओ हमको नौकरी तो दो रोटी के लिए थोड़ा नमक मांग रहे हैं... सुनाया तो समूचा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। देश के मशहूर कवि अजहर इकबाल ने माइक संभाली तो श्रोताओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया। श्रोताओं ने खड़े होकर तालियों से अजहर इकबाल का स्वागत किया। उन्होंने सुनाया... हर तरफ घात में बैठे हैं यहां दुशासन, वीर अर्जुन सा लड़ैया नहीं आने वाला, खुद तुम्हें दुर्गा के अवतार में ढलना होगा, कलयुग है कन्हैया नहीं आने वाला... और दया अगर लिखने बैठूं तो होते हैं अनुवादित राम, रावण को भी नमन किया ऐसे थे मर्यादित राम... कविता पढ़कर समां बांध दिया।

कार्यक्रम में सभी अतिथियों का अमर उजाला की ओर से पुष्प गुच्छ व स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। एडीएम नीतीश कुमार सिंह, एएसपी उत्तरी आलोक सिंह, मोनू सहगल, बार एसोसिएशन सीतापुर के अध्यक्ष विजय अवस्थी, सागर गुप्ता, नमींद्र अवस्थी, रामगोपाल अवस्थी, शहर कोतवाल अनूप शुक्ला, यातायात निरीक्षक फरीद अहमद, राहुल जायसवाल, सोनू पटेल, प्रवीण कुमार सिंह, विकास हिंदू, मोहित शुक्ल आदि मौजूद रहे। मंच का संचालन मनोज दीक्षित ने किया।

कवि सम्मेलन का समापन होने पर कवियों संग फोटो खिंचवाने की होड़ लग गई। युवा और बुजुर्ग सभी अपने पसंदीदा कवियों के साथ सेल्फी लेकर इन यादगार लम्हों को सहेजने की जुगत में लग गए। युवतियां भी पीछे नहीं रहीं, कवियित्री मणिका दुबे के संग खूब सेल्फी लेती नजर आई। कई लोगों ने कवियों के ऑटोग्राफ भी लिए।   

काव्य कैफ़े के वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें। 

https://www.youtube.com/@AmarUjalaKavya

एक दिन पहले

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