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बार-बार पढ़ी जाने लायक हैं अली सरदार जाफरी की ये चुनिंदा नज़्में

बार-बार पढ़ी जाने लायक हैं अली सरदार जाफरी की ये चुनिंदा नज़्में...
                
                                                         
                            आधुनिक उर्दू शायरी की दुनिया में सरदार जाफरी शायरना महफिलों में वैचारिक स्तर पर बतौर कम्युनिष्ट दाखिल हुए। शुरुआत में उन्हें लोग तीखी नज़रों से देखते थे लेकिन उनकी शायरियों के मार्फ़त लोगों ने जल्द ही स्वीकार कर लिया। उन्होंने उर्दू शायरी की दुनिया में ऊंचा स्थान हासिल किया। पेश है अली सरदार जाफरी की रूमानी नज़्में-
                                                                 
                            

तू मुझे इतने प्यार से मत देख 
तेरी पलकों के नर्म साए में 
धूप भी चाँदनी सी लगती है 
और मुझे कितनी दूर जाना है 
रेत है गर्म पाँव के छाले 
यूँ दहकते हैं जैसे अंगारे 
प्यार की ये नज़र रहे न रहे 
कौन दश्त-ए-वफ़ा में जलता है 
तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे 
तू मुझे इतने प्यार से मत देख  आगे पढ़ें

दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश 

7 महीने पहले

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