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कवि प्रदीप: इंसान का इंसान से हो भाईचारा

कवि प्रदीप यानि शब्दों की आकाशगंगा की एक चमकीला सितारा...
                
                                                         
                            'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में फर लो पानी
                                                                 
                            
कुछ याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के फिर ना आएं  


आजादी के बाद से कवि प्रदीप की ये पंक्तियां गीतों का सिरमौर बनी हुई हैं। कवि प्रदीप यानि शब्दों की आकाशगंगा में एक चमकता हुआ सितारा, उनकी ये पंक्तियां नस-नस में देशभक्ति का जज़्बा पैदा करती हैं और सही रास्ते के चयन का मार्ग प्रशस्त करती हैं, मनोबल बढ़ाती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस गीत की रचनात्मकता के पीछे की कहानी बताते हुए कहा था- 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत की हार से लोगों का मनोबल गिर गया था, ऐसे में सरकार की तरफ़ से फ़िल्म जगत के लोगों से ये अपील की गई कि- भई अब आप लोग ही कुछ करिए. कुछ ऐसी रचना करिये कि पूरे देश में एक बार फिर से जोश आ जाए और चीन से मिली हार के ग़म पर मरहम लगाया जा सके। आगे पढ़ें

6 महीने पहले

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