विचार ही वे हथियार थे जिनकी बदौलत शहीद भगत सिंह का संपूर्ण जीवन देश और दुनिया के अविस्मरणीय बन गया। भगत सिंह के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत उनके विचार ही हैं। क्रांति की ज़रूरत उन्होंने कभी बम-बारूद के दम पर महसूस नहीं की बल्कि वे तो कहा करते थे- 'बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती। क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।' प्रस्तुत हैं भगत सिंह के चुनिंदा क्रांतिकारी विचार....
"मैं इस बात पर ज़ोर देता हूं कि मैं महत्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूं। पर मैं ज़रूरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूं और वही सच्चा बलिदान है।"
अगर बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत ज़ोरदार होना होगा। जब हमने बम (असेंबली में) गिराया था तो हमारा मकसद किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था।
"क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है"
बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती। क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।
"राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।"
"प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।"
"जो भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी।"
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