यह वतन हमारा, जान से प्यारा,
इसकी रक्षा का संकल्प हमारा।
तिरंगा लहराए, गगन में शान से,
हर दिल में बसे, देश का मान ये।
वीरों की गाथाएँ, गूँजें सदा,
बलिदान उनका, ना हो कभी जुदा।
एकता की डोर से, बंधे हैं हम,
हर नागरिक, देश का सितारा कम।
प्रगति के पथ पर, देश चले,
समृद्धि की खुशबू, हर ओर खिले।
नदियों की धारा, खेतों की हरियाली,
यह भूमि हमारी, है बड़ी निराली।
संस्कृति की धरोहर, सँजोए रखें,
अपनी परंपराओं को, हृदय में रखें।
युवाओं के हाथों में, भविष्य की डोर,
देश को ले जाएँ, नई ऊँचाइयों की ओर।
हर नागरिक का हो, योगदान इसमें,
मिलकर बनाएँ, स्वर्णिम देश हम।
जय हिंद का नारा, गूँजे चारों ओर,
देशभक्ति की ज्वाला, जले हर छोर।
- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।
एक महीने पहले
कमेंट
कमेंट X