लंबी है उदासी ये,
ख़ामोश तराना है II
कभी ठोकर लगती है,
ये दर्द पुराना है II
कभी डूब गए माना,
फ़िर तैर के जाना है II
कुछ राहें सफ़र की यूँ,
मुझे बढ़ते जाना है II
हँसती है तरन्नुम जो,
अफ़सोस भुलाना है II
राहों का सफ़र है ये,
हर दौर सुहाना है II
इक शिद्दत से चलना,
ये वादा है ख़ुद से II
कभी रुकना ना थकना,
मंज़िल पे ठिकाना है II
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