खुश होता हूँ जब कोई कहता है
आप भूल गए हो
चलो कुछ तो खाली हुआ है
मन के बोझ से
आँखों से गुजरता है बहुत कुछ
अनुपयोगी सा
न रहे वो मन के भीतर निकले
तो सोच से
सब कुछ याद रखना मन पर है
भार सा
क्यों रखना उसको स्मृति में जो
है निस्सार सा
-कुँवर संदीप सिंह
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