छुपाया भी बहुत है और
दिखाया भी बहुत है
खोया भी बहुत है और
पाया भी बहुत है
दायित्व वहन में खुद को
सताया भी बहुत है
प्रभु ने अपनी कृपा को
बरसाया भी बहुत है
कर्मयोग से फलयोग का
संबंध होता है
इस संबंध से संसार यह
आबद्ध होता है
-कुँवर संदीप सिंह
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