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दिल का साया हमसाया सतरंगी रे, मनरंगी रे

Valentine day special tu hi tu tu hi tu satrangi re
                
                                                         
                            

सन् 1998 में आयी थी फ़िल्म ‘दिल से’ और उसमें एक गाना है - तू ही तू सतरंगी रे। रेडियो से लेकर टीवी तक यह गाना हर जगह छा गया था। न जाने कितने आयामों से यह गाना बेहद ख़ास है। इस गाने को बोल को टाइप करते हुए महसूस हुआ कि जितना संगीतबद्ध यह गाना है उतना ही इसके बोल को टाइप करना भी।

आप एक लय में ही लिख जाते हैं

तू ही तू तू ही तू
सतरंगी रे


दूसरा आयाम यह है कि संगीत के सातों सुर से बने व्यक्तित्व ए आर रहमान ने इसे संगीत दिया है और उर्दू-हिंदी की वर्णमाला के वाईज़ गुलज़ार से इसके बोल लिखे हैं। साथ ही इस मिठास में रस घुला है सोनू निगम और कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़ का। अभिनेता शाहरूख ख़ान हैं और अभिनेत्री मनीषा कोइराला जिन्होंने पर्दे पर इस गाने के भावों को बख़ूबी उतारा है।

दिल का साया हमसाया

दिल का साया हमसाया
सतरंगी रे, मनरंगी रे
कोई नूर है तू, क्यों दूर है तू
जब पास है तू, एहसास है तू
कोई ख्वाब है या परछाई है
सतरंगी रे, सतरंगी रे
इस बार बता, मुंहज़ोर हवा, ठहरेगी कहाँ


तीसरा आयाम इसका पिक्चराइज़ेशन है। जब बोल आते हैं मुंहज़ोर हवा, ठहरेगी कहां तो कैमरा के साथ हवा के बहाव को दिखाया जाता है।  इस गाने में काले कपड़े पहने शाहरुख और मनीषा मानो मुहब्बत के लाल रंग को और भी गाड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बुझे


यह ग़ालिब का शेर है जिसे इस गाने में प्रयोग किया गया है। इस शेर के साथ गाने को मानो 3डी गहराई मिल गयी हो।  

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दिल का साया हमसाया

2 वर्ष पहले

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