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कश्मीर पर हरिओम पंवार की रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता...

आतंकी हमले पर हरिओम पंवार की रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता
                
                                                         
                            ये आतंकों के गालों पर दिल्ली के चांटे होते, 
                                                                 
                            
गर हमने दो के बदले में बीस शीश काटे होते
बार- बार दुनिया के आगे हम ना शर्मिंदा होते
और हमारे सारे सैनिक सीमा पर ज़िंदा होते

ये कैसा परिवर्तन है खुद्दारी के आचरणों में 
सेना का सम्मान पड़ा है चरमपंथ के चरणों में 
किसका ख़ून नहीं खौलेगा सुन-पढ़कर अख़बारों में 
सिंहों की गर्दन कटवा दी चूहों के दरबारों में  आगे पढ़ें

6 वर्ष पहले

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