आज तो यूं गले लग जाओ कि बस
फिर तो जाने तुम्हें कब कब देखें
- अनवार अंजुम
मोहब्बत में शायद कमी रह ही जाती
अगर तू गले लग के रोया न होता
- रोबीना बट
तमाम उम्र का सौदा है एक पल का नहीं
बहुत ही सोच समझ कर गले लगाओ हमें
- मंज़र अय्यूबी
जो दूर रह के उड़ाता रहा मज़ाक़ मिरा
क़रीब आया तो रोया गले लगा के मुझे
- फ़रियाद आज़र
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