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Kiss Day - 'बोसे' पर कहे गए शायरों के अल्फ़ाज़

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एक बोसे के तलबगार हैं हम
और मांगें तो गुनहगार हैं हम
- अज्ञात


ध्यान के रस में डूबे लब
बोसा बोसा चेहरे हैं
- मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी

एक बोसे पे बेचते थे हम
तू ने सौदा न कुछ किया दिल का
- आसिफ़ुद्दौला


बस एक बोसा-ए-सुब्ह और एक बोसा-ए-शाम!
फ़क़ीर-ए-बोसा हूं और इल्तिजा-ए-बोसा है
- सय्यद काशिफ़ रज़ा

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2 वर्ष पहले

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