ज्यादा बोलने से
ज्यादा दूसरों के बारे में सोचने से
ज्यादा दूसरों से ज्ञान की चर्चा करने से
ज्यादा दूसरों को झूठी शान दिखाने से
दूसरों के जीवन में ज्यादा दखल अंदाजी करने से
नुकसान यह काम करने वाले का ही होता है
कम और मीठा बोलने वाले व्यक्ति का काम ज्यादा आसानी से हो जाता है
व्यक्ति को संतुलित और सारगर्भित बोलना चाहिए
अपने काम पर आदमी को ज्यादा ध्यान देना चाहिए
बिना बात दूसरों को सलाह देना हानिकारक है
छोटी-छोटी बातों पर नुक्ता चीनी करना नुकसानदायक है
परिस्थिति और हालात को देखते हुए किसी पर टिप्पणी करना चाहिए
बिना देखे किसी के बारे में कोई राय नहीं बनानी चाहिए
हर व्यक्ति जीवन में अनमोल होता है
हर व्यक्ति का काम करने का तरीका अलग होता है
जिंदगी में बेहतरीन काम कर लोगों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बनना चाहिए
बिना सोचे समझे जल्दबाजी में किसी के बारे में कुछ भी नहीं बोलना चाहिए
-वीरेश दत्त माथुर
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