आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

शहीदों पर शायरों के संवेदनशील अशआर...

शहीदों पर शायरों के संवेदनशील अशआर
                
                                                         
                            आजादी के रखवालों को, सीमा के पहरेदारों को शायरों और कवियों ने हमेशा रचनात्मक सम्मान दिया है। पुलवामा में कायरना आतंकी हमले के चलते हमारे कई बहादुर जवान शहीद हो गये। अत्यंत दुखद स्थिति है। आइये पढ़ते हैं वतन पर कुर्बान होने वाले शहीदों पर शायरों के ज़ज़्बात- 
                                                                 
                            

उठ गई हैं सामने से कैसी कैसी सूरतें 
रोइए किस के लिए किस किस का मातम कीजिए 
~हैदर अली आतिश

बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई 
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया 
~ख़ालिद शरीफ़ आगे पढ़ें

6 वर्ष पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर