हर व्यक्ति, हर शहर, हर देश का नाम
उसकी अपनी विशेषताओं का प्रतिबिंब होता है
जैसे कि पाकिस्तान अपने काले कारनामों की बदौलत
उसका नाम आतंकवादी पाकिस्तान कर दिया है
पाकिस्तान एक आतंकी के फितरत को
पैसों से ख़रीदे गये जानवरों को
पालने वाला तबेलों का घर है
यह आतंकिस्तान !
कैसे एक सेकेंड में
एक नहीं दो नहीं
पूरी की पूरी टुकड़ी को
सदा-सदा के लिए सुला
इतना बड़ा नरसंहार कर
अठूता सा हो गया
यही तो है आतंक
और आतंक फैलाने वाले मानुष
यह इंसान नहीं इंसान के रूप में बदजात भेड़िये हैं
काश हमारी राजनीति
ऐसे दर्दनाक विस्फोटकों को
उनकी वास्तविकता से पहले
अपनी पकड़ में ले पाती
दुख होता है
आंखें भी डबडबाई रहती हैं
एक रंजिश है राजनीति के प्रति
गर हम पकड़ पाते
तो हमारे नौजवान
अपने मां-बाप के दुलारे
बच्चों के पापा
अपनी पत्नियों के सरताज
राम, वकील, अजीत, बबलू
हेमराज, विजय कुमार व सुखविंदर
मां धरती की गोदी में नहीं पहुंचते
बेमौत नहीं मरते
सचमुच हमें हमारी सोच ने पिछाड़ा है
कल फूलों से सजे
अनेक पार्थिव शरीरों को
मोदी जी की परिक्रमा में
कितनी आत्मीयता थी
कितनी सहिष्णुता थी
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