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महान आदमी का घर... विस्लावा शिंबोर्स्का

wislawa szymborska
                
                                                         
                            
संगमरमर बताता है हमें स्वर्णाक्षरों में:
यहाँ रहा महान आदमी, काम किया और मरा
ये हैं स्वर्णिम रास्ते जिन पर उसने ख़ुद सोना लगाया
यह है बेंच- छुओ नहीं- उसने ख़ुद जड़ा है पत्थर इसमें 
और यहाँ-सँभलकर-हम घुस रहे हैं घर में 

वह संसार में ऐसे समय आया, जब आने का उपयुक्त समय था
जो भी बीतना था बीता इसी घर में 
घरेलू परियोजनाओं में नहीं 
फर्नीचर से भरे लेकिन ख़ाली क्वार्टरों में नहीं 
अनजान पड़ोसियों के बीच
पन्द्रहवें माले पर नहीं 
जहाँ सर्वे करने वाले विद्यार्थी कभी-कभार पहुँचते हैं 
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इस कमरे में उसने सोचा...

7 वर्ष पहले

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