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प्रेम सप्ताह विशेष गोपाल सिंह नेपाली की कविता: दो हृदय मिले भोले-भाले

valentine
                
                                                         
                            दो मेघ मिले बोले-डोले, बरसाकर दो-दो बूँद चले 
                                                                 
                            
भौंरों को देख उड़े भौंरे, कलियों को देख हँसीं कलियाँ,
कुंजों को देख निकुंज हिले, गलियों को देख बसीं गलियाँ,
गुदगुदा मधुप को, फूलों को, किरणों ने कहा जवानी लो,
झोंकों से बिछुड़े झोंकों को, झरनों ने कहा, रवानी लो,
दो फूल मिले, खेले-झेले, वन की डाली पर झूल चले
इस जीवन के चौराहे पर, दो हृदय मिले भोले-भाले, आगे पढ़ें

6 वर्ष पहले

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