हर बार लौटकर
जब अंदर प्रवेश करता हूँ
मेरा घर चौंककर कहता है ‘बधाई’
ईश्वर
यह कैसा चमत्कार है
मैं कहीं भी जाऊँ
फिर लौट आता हूँ
सड़कों पर परिचय-पत्र माँगा नहीं जाता
न शीशे में सबूत की ज़रूरत होती है
और कितनी सुविधा है कि हम घर में हों
या ट्रेन में
हर जिज्ञासा एक रेलवे टाइम टेबुल से
शांत हो जाती है
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