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गीतकार शैलेन्द्र: ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा, रोको कोई

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ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती...

बन के पत्थर हम पड़े थे, सूनी सूनी राह में
जी उठे हम जब से तेरी, बाँह आई बाँह में
बह उठे नैनों के काजल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती...

याद कर तूने कहा था, प्यार से संसार है
हम जो हारे दिल की बाज़ी, ये तेरी ही हार है
सुन ये क्या कहती है पायल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...
 

2 दिन पहले

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