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आदिल शाह: वो एक लम्हा कि जिस में मिला था तू मुझ से

aadil shah famous ghazal chamak rahi hai jo ankhon mein raushani ki tarah
                
                                                         
                            


चमक रही है जो आँखों में रौशनी की तरह
वो दिल पे छाई हुई है किसी परी की तरह

लगा के दिल को सजाती है ख़्वाब के जाले
छुपी हुई है ख़यालों में चाँदनी की तरह

क़दम जो रखती है धरती पे गूँज उठती है
कि जैसे साज़ बजे कोई रागनी की तरह

वो एक लम्हा कि जिस में मिला था तू मुझ से
अभी भी ज़िंदा है दिल में किसी सदी की तरह

निगाह डाले जो पल भर वो मेरी जानिब भी
समेट लूँ मैं वो लम्हा किसी ख़ुशी की तरह
 

3 सप्ताह पहले

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