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वक़्त की अहमियत समझाते शेर

वक़्त
                
                                                         
                            ज़िंदगी वक़्त के छोटे-छोटे हिस्सों में बंटी हुई है। सबसे ख़ास बात यह है कि हर हिस्से की अपनी अहमियत है। एक बार वह हिस्सा ख़त्म हो जाता है तो उस हिस्से की ज़िंदगी भी वहीं थम जाती है। इसलिए समय का बड़ा महत्व है। हमें अपने हर एक लमहे को बहुत सोच-समझकर खर्च करना चाहिए। चूंकि जो बीता वो कभी वापस नहीं आता। ऐसे ही कुछ शेर जो वक़्त की अहमियत समझाते हैं।
                                                                 
                            

गया जो हाथ से वो वक़्त फिर नहीं आता
कहाँ उमीद कि फिर दिन फिरें हमारे अब
- हफ़ीज़ जौनपुरी


हमें हर वक़्त ये एहसास दामन-गीर रहता है
पड़े हैं ढेर सारे काम और मोहलत ज़रा सी है
- ख़ुर्शीद तलब

कल हम आईने में रुख़ की झुर्रियाँ देखा किए
कारवान-ए-उम्र-ए-रफ़्ता का निशाँ देखा किए
- सफ़ी लखनवी


किस तरह उम्र को जाते देखूँ
वक़्त को आँखों से ओझल कर दे
- फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

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6 वर्ष पहले

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