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देशभक्ति

                
                                                         
                            आज किसी ने मुझसे पूछा, देशभक्ति क्या होती है,
                                                                 
                            
मैने बोला, देशभक्ति इक परम अलौकिक ज्योती है।
अपने हित के ऊपर तुम, यदि देश के हित को रखते हो,
देश की उन्नति में ये कर, तुम देशभक्त बन सकते हो।
जिस मिट्टी में जन्म लिया, और खेल कूद कर बड़े हुए,
जहां पे शिक्षा पाई तुमने, अपने पैर पे खड़े हुए।
उसी देश को छोड़ के जब तुम, दूजे देश को जाते हो,
बन जाते हो परदेसी और अपनो को बिसराते हो।
पैसा और तरक्की पाना, इससे तो इन्कार नहीं,
पर संस्कृति को विस्मृत करना, ये किंचित स्वीकार नहीं।
देशभक्ति क्या देश के हित में गोली खाना होता है,
मिट्टी का सम्मान भी इसका इक पैमाना होता है।
यह आवश्यक नहीं कि हम सैनिक बन कर बलिदान करें,
देशभक्त हम कहलाएंगे, देश का यदि सम्मान करें।
भ्रष्टाचार, प्रदूषण और आतंक समूल मिटाना है,
सब में प्रेम बढ़ाना है, नारी सम्मान बचाना है।
यदि ऐसा करने को हम सब, दृढ़संकल्पित हो जाएंगे,
उन्नति होगी देश की, और हम देशभक्त कहलाएंगे।
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एक दिन पहले

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