हम जैसे अच्छों को बुरा बनाती है,
ये मोहब्बत नाम की चिड़िया वाक़ई बहुत रुलाती है।
उससे इश्क़ करके जो उदासी मिली,
इतनी ज़िद्दी है कि भगाने पर भी नहीं जाती है।
संभालने की कोशिश कर रहा हूँ मगर यार,
वापस जाने में हाथ में पकड़ी लकड़ी बहुत लड़खड़ाती है।
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