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मूक उदासी

                
                                                         
                            तु मुझे बता तो क्या हुआ ,
                                                                 
                            
में कोशिश कर सब ठीक करूंगा ,
ना तेरी भाती मूक रहूंगा ,
प्रयत्न करूंगा सांसे रोक भी ,
तेरे लबों पर सुकून बनूंगा ,
में प्रेम के इस संयुक्त सफर में ,
एक कदम भी अब अकेला ,
चल न पाऊं बिन तुम्हारे ,
अब न होए एक सवेरा ,
मूक भाषा में सही पर ,
बांध के शब्दों की माला ,
फेक दे उसे दिशा में मेरी ,
तोड़ कर इन लबों का ताला ,
जबसे रूठा तू सनम ,
मांगू में हर रब से दुआ ,
ज्यादा नहीं बस इतना बता दे ,
यार तुझको क्या हुआ।
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एक घंटा पहले

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