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हास्य घनाक्षरी छंद

                
                                                         
                            लम्बी बीवी वाले नाटे,पति से ये मैंने पूछा,
                                                                 
                            
आपको कभी क्या हीन,भावना न आती है।
पतनी मिली है लम्बी,ताड़ जैसी दिखती है,
देखकै उसे कभी क्या,लाज नहीं आती है।
बोला मित्र दृष्टिकोण,का ही तो फरक बस,
यहीं बात मुझे नित्य,हौसला दिलाती है।
मुंह को उठाकै सदा,शान से मैं बात करूं,
किंतु वह सदा शीश,झुका बतियाती है।।
-दिनेश कुमार वर्मा 'डीके'
 
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3 घंटे पहले

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