ख्वाबो का वो अंधेरा
मुझे रोज रूलाता है
तुफान से गुजरा कल
हर दिन तडपाता है
बिखरे इन पत्तो को
हर रोज समेटते है
ढुंढते है उसमे अपना
जो अरमान खोया है
खोया वो अरमान जो
उस समय ने तोडा है
याद आ के हर बार
मुझे बार बार तोडा है
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