चिड़ियों की शोर हुई
जगमग जगमग भोर भई
मंद मंद मुस्काए कली
देखो न्यारी धूप खिली
बच्चे सयाने बुजुर्गो के मन हर्षित हुई
नई चेतना नई ऊर्जा से दिन की शुरुआत हुई
नई तरंगें नई उमंगो से मन की बगिया खिली
आगे बढ़के हौसला करके पूरी करलो काम अधूरी
दिवाकर के आगमन से रात की अंधेरी टली
चेहरे पर मुस्कान बिखेर ह्रदय में कमल खिली
रोशनी से जगमगा गई गली गली
धूप से धरती पर नई ऊर्जा का संचार हुई
चह चह चहके चिड़िया दिल की उदासी टली
हृदय में ज्योत्सना जली
चिड़ियों की शोर हुई
जगमग जगमग भोर भई _ _ _ _ _ _
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