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आज फिर चाहत हुई तेरे घबराहट से

                
                                                         
                            तेरे दिल की धड़कन और मेरी तन्हाई एक हो चली,
                                                                 
                            
तेरे होंठ काँपे तो लगा जैसे दुआ अधूरी रह गई।
तेरी बेचैनी में मुझे अपना सुकून दिखा,
तेरे डर में भी मुझे मोहब्बत का जुनून दिखा।
आज फिर चाहत हुई तेरे घबराहट से,
जैसे रूह मेरी तेरे एहसास में उतर आई हो।
तेरी थरथराती सांसों के बीच
मुझे अपनी मोहब्बत की मंज़िल नज़र आई हो।
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9 घंटे पहले

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