लहू के कतरे बोले, क्रांति की आवाज़,
भगत सिंह के शब्दों में, आज़ादी का साज़।
लिख रहा अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
लहू का हर एक कतरा, इंकलाब लाएगा"
ये पंक्तियाँ आज भी गूँजती हैं कानों में,
जागृत करती हैं देशभक्ति की ज्वाला मन में।
फांसी के फंदे पर भी मुस्कुराया चेहरा,
हुआ कुर्बान, ये था उनका नज़ारा।
युवाओं को दिया संदेश, आगे बढ़ने का,
देश सेवा का जज्बा, दिलों में जगाने का।
आज भी याद करते हैं, उनका बलिदान,
शहीद भगत सिंह, देश का थे मान।
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2 सप्ताह पहले
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