पूर्ण हुआ एक अद्भुत प्रसंग
हर्षित करें मित्रो का संग
बीता बचपन और लड़कपन
किन्तु हैं जीवित वह पावन संबंध
जिसमे न कभी द्वेष रहा
प्रेम के अतिरिक्त ना कुछ शेष रहा
मित्रता का वह निश्छल भाव
और मित्रो का अपार लगाव
आज ह्रदय में जीवित हैं
याद में उनके मन विचलित हैं
बीते बचपन बिखड़े मित्रगण
किन्तु हैं जीवित यह पावन संबंध
- प्रखर पेशवा
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