आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

जिंदगी में ज़िम्मेदारियाँ, एक छाया की तरह साथ रहती हैं

                
                                                         
                            जिंदगी में ज़िम्मेदारियाँ,
                                                                 
                            
एक छाया की तरह साथ रहती हैं.

उनको कोई मतलब नहीं,
आपकी मानसिक,शारीरिक स्थिति से,
आप कितने थके हुए हैं,
आपके पास समय है कि नहीं,
जिंदगी में जिम्मेदारी तो जिम्मेदारी होती हैं.

इंसान आराम तो कर सकता है,
लेकिन मन कभी भी आराम नहीं करता है,
जिंदगी में ये समझना जरूरी है,
कठिन दौर हमेशा नहीं रहते,
वे जीवन के केवल अध्याय होते हैं,पूरी कहानी नहीं.

जिंदगी के सफर में अनेक परीक्षाएं आती हैं,
जिंदगी में कभी लड़खड़ाएं नहीं,
निराशा को दूर रखें,ज़िम्मेदारियों से घबराएँ नहीं,
कठिन दौर हमेशा नहीं रहते,
ये जीवन के केवल अध्याय होते हैं,पूरी कहानी नहीं....
- हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।
18 घंटे पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर