जिंदगी में ज़िम्मेदारियाँ,
एक छाया की तरह साथ रहती हैं.
उनको कोई मतलब नहीं,
आपकी मानसिक,शारीरिक स्थिति से,
आप कितने थके हुए हैं,
आपके पास समय है कि नहीं,
जिंदगी में जिम्मेदारी तो जिम्मेदारी होती हैं.
इंसान आराम तो कर सकता है,
लेकिन मन कभी भी आराम नहीं करता है,
जिंदगी में ये समझना जरूरी है,
कठिन दौर हमेशा नहीं रहते,
वे जीवन के केवल अध्याय होते हैं,पूरी कहानी नहीं.
जिंदगी के सफर में अनेक परीक्षाएं आती हैं,
जिंदगी में कभी लड़खड़ाएं नहीं,
निराशा को दूर रखें,ज़िम्मेदारियों से घबराएँ नहीं,
कठिन दौर हमेशा नहीं रहते,
ये जीवन के केवल अध्याय होते हैं,पूरी कहानी नहीं....
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18 घंटे पहले
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