मुझे अब कोई दर्द भी नहीं,
इस बात का अब कोई मलाल भी नहीं।
इम्तिहां ये थी कि वो बेवफ़ा थी,
मुश्किल ये कि वो मेरी
पहली और आख़िरी मोहब्बत थी।
नाज़ था जिन गलियों से गुज़रने पर,
अब उस आदत को बदल देना चाहता हूँ।
उम्मीद अब कहीं भी कोई बाकी नहीं रखनी,
उनके अक्स को छूने की
मेरी कोई हसरत तक नहीं।
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