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मोहब्बत में ऐसी बद् दुआ और कहां, मुझे गम देने वाले तू खुशी को तरसे...

धर्मेंद्र
                
                                                         
                            सदाबहार अभिनेता धर्मेंद्र की अपनी एक अलग अदा थी। वह अपनी मुस्कान तथा गुस्सा के लिए प्रसिद्ध रहे। फिल्मी पर्दे पर उन्होंने कुछ अच्छे गीत गाए हैं। इन्हीं गीतों में से एक गीत 1966 में रिलीज उनकी फिल्म 'आए दिन बहार के' का है। इस स्लाइड में हम इसी गीत को याद करेंगे और उस पर गहराई से बात करेंगे। गीत के बोल हैं-मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे... यह गीत प्रेमिका को उसके प्रेमी की सबसे बड़ी बद्दुआ है।
                                                                 
                            

आनंद बक्षी के इस गीत को फिल्म में अभिनेता धर्मेंद्र और नायिका आशा पारेख पर फिल्माया गया है। लक्ष्मीकांत प्यारे लाल ने इसे संगीत से सजाया है। मोहम्मद रफी ने इसमें अपनी कर्णप्रिय आवाज दी है। हंसमुख अभिनेता धर्मेंद्र ने इस गीत को अपने मोहक अंदाज में पर्दे पर पेश किया है। गीत की शुरुआती लाइन में ही वह शानदार ढंग से अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं।  आगे पढ़ें

प्रेम दो लोगों के बीच का इकरार है

14 घंटे पहले

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