गजानन माधव मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण नामों में से एक हैं। मुक्तिबोध की कविताओं को समझकर उनके जीवन का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। लेकिन वो क्या घटना थी कि तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने मुक्तिबोध के लिए साहित्यकारों के आगे हाथ जोड़े, यह वाकया भारतीय ज्ञानपीठ की किताब ‘चांद का मुंह टेढ़ा है’ में लिखा है।
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7 फरवरी 1964 का दिन था...
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