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गुलज़ार की नज़्म - मेरा कुछ सामान

Gulzar
                
                                                         
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जब भी यह दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है

होंठ चुपचाप बोलते हों जब
सांस कुछ तेज़-तेज़ चलती हो
आंखें जब दे रही हों आवाज़ें
ठंडी आहों में सांस जलती हो

आँख में तैरती हैं तसवीरें
तेरा चेहरा तेरा ख़याल लिए
आईना देखता है जब मुझको
एक मासूम सा सवाल लिए आगे पढ़ें

2 वर्ष पहले

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