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मजाज़ लखनवी: इश्क़ को पूछता नहीं कोई

majaz lakhnavi famous ghazal khamoshi ka toh naam hota hai
                
                                                         
                            


ख़ामुशी का तो नाम होता है
वर्ना यूँ भी कलाम होता है

इश्क़ को पूछता नहीं कोई
हुस्न का एहतिराम होता है

आँख से आँख जब नहीं मिलती
दिल से दिल हम-कलाम होता है

हुस्न को शर्मसार करना ही
इश्क़ का इंतिक़ाम होता है

अल्लाह अल्लाह ये नाज़-ए-हुस्न 'मजाज़'
इंतिज़ार-ए-सलाम होता है

45 मिनट पहले

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