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Social Media Poetry: सच बताना लौट आऊँ तो क्या मुझे स्वीकार कर लोगे !

सोशल मीडिया
                
                                                         
                            सच  बताना लौट आऊँ तो
                                                                 
                            
क्या मुझे स्वीकार कर लोगे !

ला  न  पाऊंगा सितारे एक दिन तुमने कहा था
मैं नहीं काबिल तुम्हारे एक दिन तुमने कहा था

मैं  सितारों  को  लुटाऊँ तो
क्या मुझे स्वीकार कर लोगे !

खींच कर तुमको उजाले  दूर मुझसे जा रहे थे
तुम महल का स्वप्न पाले दूर मुझसे जा रहे थे आगे पढ़ें

18 घंटे पहले

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