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Social Media Shayari: सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर

जिंदगी
                
                                                         
                            ज़िन्दगी की हर तपिश को मुस्कुरा कर झेलिए,
                                                                 
                            
धूप कितनी भी हो समंदर सूखा नहीं करते।
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20 घंटे पहले

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