तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,
एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे।
तुम्हारे बाद, मैं जिसका हो गया,
पगली उसी का नाम तन्हाई है।
उसके दिल पर भी, क्या ख़ूब गुज़री होगी,
जिसने इस दर्द का नाम, मोहब्बत रखा होगा।
तुमने जो दिल को छूना छोड़ दिया,
लफ़्ज़ों ने ख़ूबसूरत होना छोड़ दिया।
किसी शायर से कभी उसकी उदासी की वजह पूछना,
दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा कि प्यार हो जाएगा।
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