चुंबन या बोसा कई मायनों में काव्य जगत को हमेशा से झकझोरता आ रहा है। लेकिन ये शब्द ऐसा है कि इसे कई जगहों पर कई अर्थों में प्रयुक्त किया गया है। धर्मवीर भारती ने कविता चुंबन के वैष्णवी और उदात्त बिंब प्रयोग किए हैं। इसी तरह निराला ने भी और कई कवियों और शायरों ने भी।
आईये हम ले चलते हैं आपको ऐसी ही चुम्बन की एक कविता-यात्रा पर..
रख दिए तुमने नज़र में बादलों को साधकर,
आज माथे पर सरल संगीत से निर्मित अधर,
आरती के दीपकों की झिलमिलाती छाँव में,
बाँसुरी रखी हुई ज्यों भागवत के पृष्ठ पर।
~धर्मवीर भारती
मशहूर कवियों की नज़र में हिंदी कविता में शुभकामनाओं और प्रेम के चुम्बन
लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,
चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल
कुमुदों के स्मिति-मन्द खुले वे अधर चूम कर,
बही वायु स्वछन्द, सकल पथ घूम घूम कर
है चूम रही इस रात को वही तुम्हारे मधु अधर
जिनमें हैं भाव भरे हुए सकल-शोक-सन्तापहर !
~सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
मशहूर कवियों की नज़र में हिंदी कविता में शुभकामनाओं और प्रेम के चुम्बन
उस दिन जब तुमने फूल बिखेरे माथे पर,
अपने तुलसी दल जैसे पावन होंठों से,
मैं सहज तुम्हारे गर्म वक्ष में शीश छुपा,
चिड़िया के सहमे बच्चे-सा हो गया मूक,
लेकिन उस दिन मेरी अलबेली वाणी में
थे बोल उठे,
गीता के मँजुल श्लोक ऋचाएँ वेदों की।
~धर्मवीर भारती
मशहूर कवियों की नज़र में हिंदी कविता में शुभकामनाओं और प्रेम के चुम्बन
पहला चुंबन
एक जीवित पत्थर की दो पत्तियाँ
रक्ताभ, उत्सुक
काँपकर जुड़ गईं
मैंने देखा :
मैं फूल खिला सकता हूँ।
~अशोक वाजपेयी
मशहूर कवियों की नज़र में हिंदी कविता में शुभकामनाओं और प्रेम के चुम्बन
तुम्हारा वह चुम्बन
जिसमें घुली होती है
ईश्वर की आँख
जो झंकृत करती रहती है
अनवरत मेरे जीवन के तार
~सुशीला पुरी
मशहूर कवियों की नज़र में हिंदी कविता में शुभकामनाओं और प्रेम के चुम्बन
एक लम्बे बिछोह के बाद
जब भी चूमता हूँ तुम्हें
तो महसूस होता है कि
छोड़ कर जा रहा हूँ
लाल लेटरबाक्स में
जल्दबाज़ी में लिखा गया
कोई प्रेम-पत्र ।
~निज़ार क़ब्बानी
मशहूर कवियों की नज़र में हिंदी कविता में शुभकामनाओं और प्रेम के चुम्बन
दृष्टि के चुम्बन
दृष्टि के चुम्बनों ने छुआ जब मुझे
खिलखिलाने लगी देह में रागिनी
~राकेश खंडेलवाल
कोई रहस्य प्रकृति का
विज्ञान के नियम कुछ
जीवन के दर्शन
सिद्धांत और मीमांसाएँ
सब लिए लौटोगे जब आखेटक प्रिय मेरे!
मेरी आँखों का समंदर
तुम्हारे चुम्बनों की प्रतीक्षा में आलोड़ित होगा।
~ सुजाता
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एक वर्ष पहले
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