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बशीर बद्र: प्यार की नई दस्तक दिल पे फिर सुनाई दी

bashir badra famous ghazal pyar ki nayi dastan dil pe phir sunai di
                
                                                         
                            


प्यार की नई दस्तक दिल पे फिर सुनाई दी
चाँद सी कोई सूरत ख़्वाब में दिखाई दी

किस ने मेरी पलकों पे तितलियों के पर रक्खे
आज अपनी आहट भी देर तक सुनाई दी

हम ग़रीब लोगों के आज भी वही दिन हैं
पहले क्या असीरी थी आज क्या रिहाई दी

बारिशों के चेहरे पर आँसुओं से लिखना है
कुछ न कोई पढ़ पाए ऐसी रौशनाई दी

आसमाँ ज़मीं रख कर दोनों एक मुट्ठी में
इक ज़रा सी लड़की ने प्यार की ख़ुदाई दी

ये तुनक-मिज़ाजी तो ख़ैर उस की फ़ितरत है
वर्ना उस ने चाहत भी हम को इंतिहाई दी

ये तनाव क़ुदरत ने दो दिलों में क्यूँ रक्खा
मुझ को कज-कुलाही दी उस को कज-अदाई दी
 

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1 सप्ताह पहले

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