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राजेन्द्र कृष्ण: ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए

rajendra krishna famous ghazal yoon hasraton ke dagh mohabbat mein dho liye
                
                                                         
                            


यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए

घर से चले थे हम तो ख़ुशी की तलाश में
ग़म राह में खड़े थे वही साथ हो लिए

मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
अब आप की ख़ुशी इसे काँटों में तोलिए

होंटों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
यूँ चुप सी क्यूँ लगी है अजी कुछ तो बोलिए
 

14 घंटे पहले

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