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राजकपूर साहब की पहली फ़िल्म 'आग' का मशहूर गीत 'ज़िंदा हूँ...लिखने वाले शायर की शायरी

साहब की पहली फ़िल्म 'आग' का मशहूर गीत 'ज़िंदा हूँ...लिखने वाले शायर की शायरी
                
                                                         
                            नाकामियों के खौफ ने दीवाना कर दिया,
                                                                 
                            
मंजिल के सामने भी पहूँच के निराश हूँ।

ज़िंदा हूँ इस तरह कि ग़म-ए-ज़िंदगी नहीं 
जलता हुआ दिया हूँ मगर रौशनी नहीं। 

आता है जो तूफ़ाँ आने दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ है 
मुमकिन है कि उठती लहरों में बहता हुआ साहिल आ जाए। 


फ़िल्म इंडस्ट्री के शोमैन कहे जाने वाले, गुज़रे ज़माने के महान कलाकार राजकपूर साहब की पहली फ़िल्म 'आग' का मशहूर गीत 'ज़िंदा हूँ इस तरह कि ग़म-ए-ज़िंदगी नहीं' से बहज़ाद लखनवी साहब ने शोहरत की दुनिया में क़दम रखे। इस शुरुआत के साथ वे हिंदी सिनेमा की ज़रूरत बन गए।  आगे पढ़ें

11 महीने पहले

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