आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

रेनर मारिया रिल्के की मशहूर कविता- प्रेम 

सोशल मीडिया: प्रेम का उत्सव मनाना हो तो इसे कला में ढाल दो
                
                                                         
                            अनजाने परों पर आसीन
                                                                 
                            
मैं
स्वप्न के अंतिम सिरे पर

वहाँ मेरी खिड़की है
रात्रि की शुरूआत जहाँ से होती है

और
वहाँ दूर तक मेरा जीवन फैला हुआ है
  आगे पढ़ें

20 घंटे पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही

अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज
आपके व्हाट्सएप पर