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धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में गीता उपदेश

                
                                                         
                            धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में ---
                                                                 
                            
श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश
अर्जुन व मानवता को दिया था ।
मुक्त करना था मानव को ---
सांसारिक आवेश से जिसने
महाभारत को जन्म दिया था ।

श्रीकृष्ण ने किया धर्मरक्षा का आह्वान
अवतरित हुआ ---
आत्मज्ञान निरुपक गीताज्ञान ।
धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र पुण्यस्थान पर
जन्मा आध्यात्मविज्ञान ---
श्रीमद्भगवदगीता का दिव्य जन्म-स्थान ।

युद्धक्षेत्र में ---
गीता उप्देश ?
संभव था शास्त्रोपदेश ?
धर्म- कर्म पर प्रवचन ---
गीता उपदेश देना और उसका श्रवण ?
सामान्य मानव कैसे कर सकता है मनन ?

अर्जुन थे संशय में,
उपदेश ग्रहण करते कैसे ।
श्रीकृष्ण ऐसे अशांत योद्धा को ---
दिव्य ज्ञान देते कैसे ?

श्रीकृष्ण ने अपनी योगशक्ति से ---
दिव्यदृष्टि दे अर्जुन को ---
आत्मज्ञान करवा दिया
गीता ज्ञान के अमृत से ---
अर्जुन को कर्मयोगी
धर्मयोद्धा बना दिया ।
धर्मक्षेत्र है यह तन ---
अर्जुन व मानवता को ज्ञान करा दिया ।

धर्मक्षेत्र बन जाता है कुरुक्षेत्र ---
जब होता धर्म-अधर्म का युद्ध ।
वासनाओं की ज्वालायें धधकती हैं---
मानव रहता है क्रुद्ध ।
हिंसा की आग भड़कती है ---
अहिंसा हो जाती है अशुद्ध ।
सदियों से युद्ध चलता आ रहा है ---
मानव कब बनेगा बुद्ध ?

गीता ज्ञान मिटायेगा अज्ञान ---
भ्रमित मानव जब समझेगा ---
गीता ज्ञान का आध्यात्मिक विज्ञान ।
आध्यात्मिक योग से होगा आत्मज्ञान ।
-अनिल काकड़ा
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एक घंटा पहले

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