साहिर लुधियानवी नदी की उस धार की तरह हैं जिसके पानी में जो रंग मिलाया गया, उसने उसी रंग से धरती को सींच दिया। साहिर का कैनवास बहुत बड़ा था, उन्होंने हर तरह की घटनाओं, स्थितियों और संवेदनाओं पर गीत लिखे। गीतकार साहिर को ख़ूब प्रसिद्धी मिली और लोगों ने उनके गानों को सदियों तक गुनगुनाया। इसी बारे में आगे गीतकार जावेद अख़्तर कहते हैं कि साहिर लुधियानवी एक गीतकार के तौर पर जितने लोकप्रिय थे, उससे भी पहले वह एक शायर के तौर पर लोकप्रिय हो चुके थे।
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